Header

रस्ते की तलाश 💪

 



मंज़िलें लाख कठिन आएँ गुज़र जाऊँगा 


हौसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा 


चल रहे थे जो मेरे साथ कहाँ हैं वो लोग 


जो ये कहते थे कि रस्ते में बिखर जाऊँगा 


दर-ब-दर होने से पहले कभी सोचा भी न था 


घर मुझे रास न आया तो किधर जाऊँगा 



याद रक्खे मुझे दुनिया तिरी तस्वीर के साथ 


रंग ऐसे तिरी तस्वीर में भर जाऊँगा 


लाख रोकें ये अँधेरे मिरा रस्ता लेकिन 


मैं जिधर रौशनी जाएगी उधर जाऊँगा 


रास आई न मोहब्बत मुझे वर्ना 'साक़ी' 


मैं ने सोचा था कि हर दिल में उतर जाऊँगा 


No comments:

Post a Comment

Keep it concise

Chintu ❤️

कर्म करिए

 उस विधाता की अदालत में वकालत बड़ी न्यारी है,  कर्म करिए, विश्वास रखिए, मुकदमा सबका जारी है